Friday, September 27, 2019

इस चित्र का महत्व सिर्फ़ इतना है कि इसमें  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश और हिमाचल प्रदेश का नाम प्रज्वलित करने वाले ३ भिन्न विधाओं के ज्ञाताओं के साथ मुझे तस्वीर में स्वयं को देख पाने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। पहले हैं परम श्रद्धेय आदरणीय अंतरराष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान, हिमाचल राज्य अकादमी पुरस्कार और विभिन्न अलंकरणों से सुसज्जित सम्मानित एस आर हरनोट सर, हिमाचल के जाने माने रंगकर्मी, अभिनेता और डायरेक्टर धीरेन्द्र सिंह रावत भाई और ईश योग की सुनीता सिंह मम के साथ एक छोटे से कवि अभिषेक तिवारी को एक सुनहरी तस्वीर नसीब हुई है। यह प्रेम यह मोहब्बत यूं ही बनी रहे।


Monday, September 23, 2019

शिमला बुक कैफ़े में वरिष्ठ लेखिका वंदना गुप्ता द्वारा शिमला में संचालित महिला काव्य मंच की पहली गोष्ठी में वरिष्ठ व युवा रचनाकारों से साहित्य सम्वाद व रचनापाठ हिमाचल के जाने माने एवं विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक











एस आर हरनोट जी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जहां हिमाचल की नवोदित कवियित्रियों के साथ साथ वरिष्ठ कवियित्रियों ने भी भाग लिया।
जिसमें हिमालय साहित्य मंच से स्नेह नेगी जी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में मह्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यहां एस आर हरनोट जी ने बाबा भालखु जी का जीवन परिचय सभी से करवाया और नारी शक्ति पे स्वरचित २ कविताएं सुनाई, तत्पश्चात वरिष्ठ कवियित्री स्नेह नेगी जी ने पर्यावरण पे लिखी अपनी कविता से सबका मन मोह लिया,तान्या, कीर्ति शर्मा, इशा, अंजलि शर्मा, किरण शर्मा, शाक्षी भोटका, वंदना गुप्ता जी ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया।
अभिषेक तिवारी ने हिमाचल के विश्व प्रसिद्ध लेखक एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष एस आर हरनोट जी का जीवन परिचय सभी के समक्ष प्रस्तुत किया

Thursday, September 19, 2019

धीमी मौत

धीमी मौत
हां धीमी मौत, सुन के भी एक डर का एहसास होता है ना
? की मौत हो तो एक झटके में हो जाए और दर्द भी ना हो,वैसे भी कौन चाहता है कि तड़प तड़प के मरे। लेखक और कवि सब कुछ लिखते हैं और कुछ ही ने मौत को बड़ी गहराई से पेश किया है। मैंने भी सोचा कि क्यूं ना एक धीमी मौत इजाद कि जाए और उसका तरीक़ा ऐसा की इंसान तड़प तड़प के जिये और मर भी ना पाए। सिसके, चिखे और चिल्लाए पर मर नहीं पाए। तरीक़ा जान ना नहीं चाहोगे धीमी मौत का...?तरीक़ा ऐसा की रूह भी कांप जाए।
धीमी मौत का तरीक़ा चलो बता ही देता हूं,क्यूं ना एक ऐसे कमरे में बंद कर दिया जाए जहां ढेर सारी रोशनी हो,सभी आधुनिक सुविधाएं,आपके हाथ में मोबाइल फ़ोन हो,चार्जर हो और कभी आता जाता नेटवर्क,पर उस कमरे में आपको बंद कर के ताला लगा दिया गया हो और उस कमरे में कोई चार्जिंग प्वाइंट ना हो। इस से ज्यादा धीमी मौत, दर्दनाक मौत और अंत आज के लोगों के लिए और क्या हो सकती है।
एक ऐसी ही मौत का प्रत्यक्ष गवाह
एक छोटा सा कवि
Abhishekism 💕