Tuesday, August 4, 2020

मुझे क्या फ़र्क पड़ता है

****************मुझे क्या फ़र्क पड़ता है****************
वो बड़ी बेताबी से कभी अपनी घड़ी को देख रहा था और कभी अपने मोबाइल फ़ोन को, देखता भी क्यूं ना, आज उसकी पत्नी उसके दोनों बच्चों के साथ घर जो वापिस आ रही थी।
लॉकडाउन के कारण वो मुंबई में फंस गया था और उसकी पत्नी और बच्चे लखनऊ में। स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी जिस ट्रेन से उसकी पत्नी और बच्चे वापिस आ रहे थे।
वो बार बार बेताबी से स्टेशन पर प्लेटफॉर्म पर टहल रहा था, ट्रेन तो सुबह सुबह १० बजे प्लेटफॉर्म पर पहुंचने वाली थी, राइट टाइम पर थी, तो फ़िर अभी तक पहुंची क्यूं नहीं,
अब तो घड़ी में १२ बजने वाले थे, तभी उसकी नज़र प्लेटफॉर्म पर लगे टेलीविज़न स्क्रीन पर गई जिस पर एक ब्रेकिंग न्यूज़ चल रही थी कि मुंबई आने वाली एक ट्रेन मुंबई से कुछ घंटे पहले अपनी पटरी से उतर गई है, जिसमें कई लोगो की मृत्यु हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं।
अब उसका दिल किसी अनहोनी की आशंका से डरने लगा और थोड़ी ही देर में स्थिति स्पष्ट हो गई की यह वही गाड़ी संख्या है, जिस से उसका परिवार वापिस आ रहा था। आज फ़िर देश के भ्रष्ट तंत्र और लापरवाह सरकारी महकमे की भेंट कई परिवार चढ़ गए थे, वैसे ही जैसे किसी बस ड्राइवर की लापरवाही से, पायलट की लापरवाही से या किसी चालक की लापरवाही से सैकड़ों इंसानी जान,या किसी डॉक्टर, नर्स या अस्पताल के मुलाजिम की वज़ह से मरीजों, नन्हे मासूमों की जान , सरकारी कर्मचारियों, इंजिनियर अधिकारियों की वज़ह से टूटते बांध, पुलिया या सड़क,
या फ़िर भ्रष्ट नेताओं की वजह से एक पूरे देश का भविष्य।
और इसी के साथ वह ज़ोर ज़ोर से रेलवे स्टेशन के प्लेफार्म पर ही दहाड़े मार कर रोने लगा, चीखने चिल्लाने लगा, क्यूं की कल तक उसको भी न्यूज़ में किसी बस, ट्रेन  का एक्सिडेंट देख कर, अस्पताल में मरते मरीजों, बच्चों को देखकर, खुद ख़ुशी करते किसानों को देख कर, दंगों में मारे गए लोगों को देखकर,
किसी और की बहू बेटी के बलात्कार को देखकर,किसी महिला- पुरुष पे होते अत्याचार को देखकर ऐसा ही लगता था कि मुझे क्या फ़र्क पड़ता है,मेरा कोई अपना कहां मरा है।
©Abhishekism

नई शिक्षा नीति

नई शिक्षा नीति
केवल 12वीं क्‍लास में होगा बोर्ड, MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की
कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) को हरी झंडी दे दी है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है.
खास बातें
34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव
10वीं बोर्ड खत्‍म, MPhil भी होगा बंद
मानव संसाधन मंत्रालय अब होगा शिक्षा मंत्रालय
नई दिल्‍ली: कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) को हरी झंडी दे दी है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है. HRD मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि ये नीति एक महत्वपूर्ण रास्ता प्रशस्‍त करेगी.  ये नए भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी. इस नीति पर देश के कोने कोने से राय ली गई है और इसमें सभी वर्गों के लोगों की राय को शामिल किया गया है. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि इतने बडे़ स्तर पर सबकी राय ली गई है
अहम बदलाव 
- नई शिक्षा नीति के तहत अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा.
- बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा
- अब सिर्फ 12वींं में बोर्ड की परीक्षा देनी होगी. जबकि इससे पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा.
- 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा
-वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी. 
- 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में  MA कर सकेंगे. 
- अब स्‍टूडेंट्स को  MPhil नहीं करना होगा. बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.
10वीं में नहीं होगा बोर्ड एग्‍जाम, पढ़ें नई शिक्षा नीति की 10 बड़ी बातें
इतने बड़े पैमाने पर जुटाई गई थी राय
इस शिक्षा नीति के लिए कितने बड़े स्तर पर रायशुमारी की गई थी, इसका अंदाजा इन आंकड़ों से सहज ही लगाया जा सकता है. इसके लिए 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6,600 ब्लॉक्स, 676 जिलों से सलाह ली गई थी. 
स्‍टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स 
हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है. 
हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे. एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं.
मोदी सरकार ने घोषित की 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति, MHRD का बदला नाम
सरकारी, निजी, डीम्‍ड सभी संस्‍थानों के लिए होंगे समान नियम 
हायर एजुकेशन सेक्रटरी अमित खरे ने बताया, ' नए सुधारों में टेक्नॉलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है. अभी हमारे यहां डीम्ड यूनविर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस के लिए अलग-अलग नियम हैं. नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सभी के लिए नियम समान हों